रस्म -इ -उल्फत ज़रा सर्कार
निभा कर सोना ,
मेरी तस्वीर को सीने से
लगा कर सोना ,
निभा कर सोना ,
मेरी तस्वीर को सीने से
लगा कर सोना ,
चूम लेने दो हमें
नरगसी आंखें अपनी ,
फिर बरी शौक से पलकों को
झुका कर सोना,
नरगसी आंखें अपनी ,
फिर बरी शौक से पलकों को
झुका कर सोना,
मरमरी बाहें कहीं
दुःख न जाएँ
करवट लेने में ,
रेशमी सेज पे फूलों को
बिछा कर सोना,
दुःख न जाएँ
करवट लेने में ,
रेशमी सेज पे फूलों को
बिछा कर सोना,
मेरा दावा है के परवाने
तुम्हें धुन्दैंगे ,
इम्तेहान चाहो तो फिर
शम्मा बुझा कर सोना,
तुम्हें धुन्दैंगे ,
इम्तेहान चाहो तो फिर
शम्मा बुझा कर सोना,
लग न जाये कहीं बेताब
सितारों की नज़र,
चाँद सी शकल को आँचल में
छुपा कर सोना.
सितारों की नज़र,
चाँद सी शकल को आँचल में
छुपा कर सोना.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें