कुछ तो सोचती मुझे भुलाने से पहले,
मेरे ख़त मेरी तस्वीरें जलाने से पहले !
तेरे हाथ क्यूँ नहीं काँपे,
किसी और की मेहँदी लगाने से पहले !
तेरी आँख भी न बरसी सनम,
मेरा प्यार, दिल से मिटने से पहले !
कुछ वादे कुछ कसमें खायी थीं तुम ने,
ग़ैरों की सेज सजाने से पहले!
‘काशिफ’ मेरी ज़िन्दगी में कोई ग़म न था,
उस बेवफा शख्स के आने से पहले !
मेरे ख़त मेरी तस्वीरें जलाने से पहले !
तेरे हाथ क्यूँ नहीं काँपे,
किसी और की मेहँदी लगाने से पहले !
तेरी आँख भी न बरसी सनम,
मेरा प्यार, दिल से मिटने से पहले !
कुछ वादे कुछ कसमें खायी थीं तुम ने,
ग़ैरों की सेज सजाने से पहले!
‘काशिफ’ मेरी ज़िन्दगी में कोई ग़म न था,
उस बेवफा शख्स के आने से पहले !
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